कछुआ और खरगोश story writing in hindi for class 5
कछुआ और खरगोश-story writing in hindi for class 5
एक बार की बात है, एक जंगल में एक कछुआ और एक खरगोश रहते थे। कछुआ बहुत धीमा था, लेकिन वह मेहनती और धैर्यवान था। खरगोश बहुत तेज था, लेकिन वह घमंडी और आलसी था।
एक दिन, कछुआ और खरगोश में दौड़ लगाने की हो गई। खरगोश बहुत आश्वस्त था कि वह जीतेगा, क्योंकि वह जानता था कि वह कछुए से बहुत तेज है। वह बोला, "मैं तुम्हें आसानी से हरा दूंगा, कछुए।"
कछुआ जानता था कि वह तेज नहीं है, लेकिन वह हार मानने को तैयार नहीं था। उसने कहा, "मैं तुम्हें चुनौती देता हूं। चलो दौड़ लगाते हैं।"
दौड़ शुरू हुई। खरगोश बहुत तेज दौड़ा। उसने कुछ ही मिनटों में कछुए से बहुत आगे निकल लिया। वह रुक गया और कछुए का मजाक उड़ाने लगा। उसने सोचा कि वह जीत गया है।
कछुआ धीमा, लेकिन लगातार दौड़ता रहा। वह नहीं रुका। उसने जान लिया था कि खरगोश आलसी है और वह रुक जाएगा।
कुछ समय बाद, खरगोश को नींद आने लगी। उसने सोचा कि वह थोड़ी देर के लिए आराम कर सकता है और फिर आगे दौड़ सकता है। वह एक पेड़ के नीचे सो गया।
कछुआ दौड़ता रहा। उसने खरगोश को सोता हुआ देखा। वह जानता था कि यह उसके जीतने का मौका है। वह खरगोश के पास गया और उसे पार कर गया।
जब खरगोश उठा, तो उसने कछुए को फिनिश लाइन पार करते देखा। वह बहुत हैरान और निराश था। उसने अपनी गलती सीखी। उसने महसूस किया कि घमंड और आलस्य की वजह से वह हार गया।
कछुआ दौड़ जीत गया। उसने साबित कर दिया कि धीमे और लगातार चलने से भी जीत हासिल की जा सकती है।
सीख: घमंड और आलस्य की वजह से हम हार सकते हैं। हमें धीमे, लेकिन लगातार काम करना चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए।