अच्छी अच्छी कहानियां | achi achi kahaniya | achi kahaniya in hindi

1. Achi Hindi Kahani  | achi kahaniya in hindi

अच्छी अच्छी कहानियां | achi achi kahaniya | achi kahaniya in hindi


सफलता की कहानी: एक छात्र की उच्चता hindi kahaniyan

वरदराज: सीखने का सफर

वरदराज, एक छोटे से गाँव के एक छात्र का नाम था जिसने अपने पढ़ाई में कठिनाईयों का सामना किया। उसकी कमजोर बुद्धि के कारण उसे छात्रों की भीड़ में हमेशा हंसी उड़ाती रहती थी, पर वह अपनी आत्मशक्ति को हार नहीं मानना चाहता था।

जीवन का टर्निंग प्वाइंट

उसके सहपाठी आगे की कक्षा में बढ़ते रहे, लेकिन वरदराज एक ही कक्षा में कई साल से था और उसे पढ़ाई समझ में नहीं आ रही थी। उसकी बुद्धि कमजोर होने के कारण, उस पर गुरुजी भी नाराज रहते थे और उसे विद्यालय से निकाल दिया गया। इससे उसका आत्मविश्वास टूट गया और वह उदास होकर अपने घर की तरफ बढ़ा।

एक नई राह की शुरुआत

एक दिन, उसका रास्ता एक कुएं की ओर ले गया और वह देखा कि एक पत्थर पर रेशम की रस्सी के बार-बार घिसने से निशान पड़े हैं। यह दृश्य उसे सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या वह भी अपनी कमजोरी को परिवर्तन कर सकता है।

नए सपनों की ऊँचाइयों की दिशा में

वरदराज ने विद्यालय को फिर से दरवाजा खटखटाया और गुरुजी से एक मौका मांगा। इस बार वह निर्धारित था कि वह अपनी कमजोरी को पार करेगा। गुरुजी ने उसे एक और मौका दिया और उसने जीवन को पूरी तरह से बदल दिया।

सफलता की ऊँचाइयों तक

वरदराज ने मेहनत और लगन से पढ़ाई की और जल्दी ही उसने अपने विद्यालय में सबसे बेहतरीन छात्र बना। उसने अपनी बुद्धि को मजबूती से बनाया और अन्य पुस्तकों का अध्ययन भी किया। वह एक प्रमुख संस्कृत विद्वान् बना और कई महत्वपूर्ण ग्रंथों की रचना करने में सक्षम हुआ।

समापन: असंख्य संघर्षों के बावजूद

वरदराज की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची लगन और मेहनत से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। उसकी उदाहरण से हमें यह बोध होता है कि अगर हम सही दिशा में मेहनत करें और हार नहीं मानें, तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।

2. Achi Achi Kahani कहानी सुनाओ


एक समय की बात हैं। किसी गांव में एक छोटा सा व्यापारी रहता था, उसका एक बेटा था जो व्यापार में उसकी मदद करता था।

एक दिन की बात हैं, वह व्यापारी का लड़का जंगल घूमने जा रहा था। रास्ते में उसने देखा की एक आदमी अपनी बातों की दुकान चला रहा हैं।

उसके यहाँ लोग जाते और मूल्य देकर एक बात खरीदते थे। व्यापारी का लड़का भी वहाँ गया और उसने सौ सिक्के की एक की बात खरीदी।

उसके सौ सिक्के के बदले उसे यह बात मिली की अगर दो लोगों के झगड़े से सुरक्षित निकलना हो तो बीच में तीसरी बात बीच में छेड़ देनी चाहिये।

व्यापारी का लड़का उस खरीदी गयी बात से संतुष्ट नहीं था। वह बिना कुछ बोले आगे बढ़ गया। जंगल पहुँच कर वह इधर - उधर घूम रहा था।

तभी उसने देखा कि शिकार खेलने आये मंत्री पुत्र ने एक जानवर को तीर मारा, वह जानवर तीर लगने से झाड़ियों में भागने लगा। ठीक उसी समय राजकुमार भी आया और उसने एक दूसरा तीर उस जानवर पर चलाया।

जानवर वही मर गया। लेकिन मंत्री पुत्र और राजकुमार दोनों उस जानवर पर अपना हक बताने लगे। देर तक वे दोनों ऐसे ही झगड़ते रहे।

अंत में दोनों फैसले के लिए राजा के दरबार में गये और दोनों ने सबूत के रूप में इस व्यापारी के लड़के को ले गये। व्यापारी का लकड़ा बहुत आश्चर्य था।

मंत्री पुत्र का कहना था कि जानवर पर पहले तीर मैंने मारा था। इसलिये वह जानवर मेरा हुआ।

और राजकुमार का कहना था की जानवर को पहले मैंने तीर मारा था और वह मेरे तीर से ही मर गया था।

राजा ने दोनों की बात सुनी लेकिन कोई फैसला नहीं आ रहा था। राजा के कुछ सलाहकार मंत्री पुत्र को सच बता रहे थे। और कुछ राजकुमार को सच बता रहे थे।

राजा जब किसी नतीजे पर नहीं पहुँचे तो दोनों ने व्यापारी पुत्र को बुलाया।

राजा ने व्यापारी पुत्र से पूछा कि बताओ - हिरण का शिकार किसने किया..? व्यापारी पुत्र की तरफ राजकुमार और मंत्री पुत्र दोनों देखने लगे। उसी समय व्यापारी पुत्र को खरीदी गयी बात याद आयी।

व्यापारी पुत्र ने बीच में तीसरी बात छेड़ते हुये कहा - सच तो ये हैं कि जानवर को मैंने एक पत्थर मारा था और वह झाड़ियों में जाकर गिरा था। सभी लोग उसकी बात सुनकर चकित हो गये।

राजकुमार और मंत्री पुत्र ने कहा - यह झूठ बोल रहा हैं। यह जानवर को अपना बताना चाहता हैं।

यह सुन सिपाहियों ने उसे दो डंडे मारे और बाहर निकाल दिया।

उस लड़के को बहुत गुस्सा आया, वह गुस्से में सीधा उस आदमी के पास पहुँचा जिसने उसने वो बात खरीदी थी।

उस आदमी ने कहा - देखो तुम दो लोगों के झगड़े से सुरक्षित आ गये। अगर वहाँ तुम राजकुमार का पक्ष लेते तो मंत्री पुत्र से दुश्मनी हो जाती। अगर तुम मंत्री पुत्र का पक्ष लेते तो राजकुमार से दुश्मनी हो जाती थी।

सीख - तुमने बीच में तीसरी बात छेड़ दी जिससे तुम सिर्फ दो डंडे खाकर सुरक्षित आ गए। अब कोई तुम्हारा दुश्मन नहीं बना। व्यापारी पुत्र को बात समझ में आ गयी।

3.Achi Kahaniya In Hindi


सुंदरपुर गाँव की इस कहानी से हमें एक महत्वपूर्ण सिख मिलती है - एकता में बल है। यह बच्चों को यह सिखाती है कि जब हम मिलजुलकर रहते हैं, तो हम किसी भी समस्या को आसानी से परिहारित कर सकते हैं। एक दूसरे के साथ समझदारी बनाए रखना हमें अधिक समृद्धि और खुशियाँ प्रदान कर सकता है।

इसके अलावा, कहानी ने हमें दिखाया कि समस्याओं को हल करने के लिए एक साथीपूर्ण दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण है। चार बेटों की तरह हमें भी मिलजुलकर काम करना चाहिए ताकि हम अपनी दुर्बलताओं को परिवर्तित कर सकें और साथ में सफलता प्राप्त कर सकें।

नीति: चारों बच्चों का वादा है कि वे आगे से मिलजुलकर रहेंगे और किसी भी समस्या को हल करने में सहायक होंगे।

सिखें/बचावप्रतिबद्धता और साथीपूर्णता
सकारात्मक पहलुओं का परिचय1. एकता में बल है। 2. समस्याओं को सही दृष्टिकोण से देखना।
नकारात्मक पहलुओं का परिचय1. असमझदारी और झगड़ा समस्याएं बढ़ा सकते हैं। 2. सही समझने की क्षमता की कमी।
संभावनाएं1. चारों बच्चे आपस में मिलजुलकर सही दिशा में बढ़ सकते हैं। 2. उन्हें एकता और साथीपूर्णता की महत्वपूर्णता समझी गई है।
चुनौतियां1. बच्चों को समझाना कि साथीपूर्णता की अहमियत है। 2. उन्हें उचित दिशा में प्रेरित करना।

इस तरह का उपयुक्त समाधान को लागू करने से, बच्चों को एकता और सहायता की महत्वपूर्ण सिख मिलेगी।

4.Kahaniyan Acchi Acchi

सुनहरा अनुभव: समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कहानी सुरक्षित राह पर चलना एक छोटा सा स्टेशन था, जहां रात का समय धीरे-धीरे बढ़ रहा था। चिड़ियों की चहचहाहट में, एक छुक-छुक की ध्वनि ने सबको चौंका दिया। एक अकेली रेलगाड़ी वहां रुकी। सुनहरा मिलन: मनमोहन की यात्रा रेलगाड़ी से निकलता हुआ एक व्यक्ति, मनमोहन, स्टेशन पर पहुंचता है। उसने आवाज लगाई, पर कोई कुली नहीं था। स्टेशन मास्टर जी लालटेन लेकर आते हैं और मनमोहन से कहते हैं कि यहां बहुत कम गाड़ियां रुकती हैं। अनुदानीय साथी: ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मुलाकात तभी एक व्यक्ति मनमोहन के पास आता है, उसका सुटकेस उठा कर, और कहता है, "आपको कहाँ जाना हैं, चलिए।" स्टेशन मास्टर हैरान हो जाते हैं, लेकिन वह व्यक्ति इशारा करता है कि सब ठीक है। अद्वितीय यात्रा: सबकुछ है संभव मनमोहन और उस व्यक्ति की यात्रा शुरू होती है, और उस व्यक्ति ने रास्ते में स्टेशन और जगहों के बारे में बताया। सब कुछ इतनी सहजीवनी बन गया कि रास्ता कैसे बीता, यह कहना मुश्किल हो गया। अद्वितीय मिलन: ईश्वर चंद्र विद्यासागर के साथ अंत में, मनमोहन ईश्वर चंद्र विद्यासागर के घर पहुंचता है। वहां, विद्यासागर ने उनका स्वागत किया और सादगी से उन्हें अपने चरणों में बैठाया। सीख और समापन इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि समृद्धि और सादगी की राह पर चलना हमें अनदेखे सौंदर्यों का सामर्थ्य देता है। ईश्वर चंद्र विद्यासागर की तरह हमें भी अपने जीवन में यही मार्गदर्शन करना चाहिए, ताकि हम समाज में सुधार ला सकें। इस प्रेरणादायक कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची मेहनत और सदगुण समर्पण से ही अच्छा समाज बन सकता है, और ऐसे ही महान व्यक्तियों को हमें हमेशा याद रखना चाहिए।

5.सबसे अच्छी कहानी | achi achi kahaniya

हमारे कर्म ही सब कुछ है - एक शिक्षाप्रद हिंदी कहानी

एक साधु मंदिर में ध्यान लगा हुआ था, जहां रोज़ एक लड़का पूजा करने आया करता था। जब भी वह लड़का पूजा करने आता, उसके बाद वह साधु जो भी प्रसाद मिलता, उसका बाट लड़के को ही देता था। साधु ने हमेशा सबको ज्ञानप्रद बातें साझा करते रहा, लेकिन उसके मन में एक सवाल बना रहता था - क्या उसका पेट कभी भी सब्जी रोटी से भरता है?

एक दिन, साधु ने उस लड़के को मंदिर में भगवान के दर्शन होते हैं जब यह बात साधु तक पहुंची। लड़का वहां पहुंचता है और साधु से मिलता है। उसके बाद, साधु उससे पूछता है कि तुम्हें यहां कैसे दर्शन होते हैं, जब मैं यहां पर सदैव बैठा हुआ हूं। लड़का जवाब देता है कि उसे इसके बारे में कोई ज्ञान नहीं है। साधु पूरे दिन सोचता रहता है, पर उसे उत्तर नहीं मिलता।

आखिरकार, भगवान उससे मिलते हैं और कहते हैं - "जब रात होती है, तो मुझे तुम्हारे सपनों में देखा जाता है। तुम्हे दर्शन क्यों नहीं होते हैं, जबकि तुम्हारा प्रसाद हमेशा सभी के लिए तैयार रहता है?"

साधु को समझ आता है कि सभी के कर्मों के अनुसार इसे यह हो रहा है। लड़का हमेशा दूसरों के लिए अच्छा सोचकर प्रसाद बनाता था, उसका मन्नत से अधिक पेट भरने का लालच नहीं था। भगवान कहते हैं - "जो दूसरों के लिए अच्छा सोचता है, उसके लिए सब अच्छा होता है।"

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में सकारात्मक सोच और दूसरों के भले के लिए कार्य करने से ही सच्ची संतोष सुरक्षित होता है।


6.बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां | achi kahaniya in hindi


लाभदायक नेतृत्व का मार्ग - एक प्रेरणादायक कहानी

एक गाँववाला व्यक्ति ने अपने जीवन की दिशा को बदलने का निर्णय किया और गाँव से बाहर जाने का निर्णय लिया। उसे लगता था कि गाँव में रहकर वह धन कमाने में सक्षम नहीं हो सकता है, और इसलिए उसने अपनी दृढ इच्छा के साथ गाँव छोड़ने का निर्णय किया।

उसने अपनी उम्मीदें और सपनों के साथ शहर की ओर कदम बढ़ाया। कुछ समय बाद, उसने बड़ा व्यापारी बना लिया। धन की कमी अब उसके पास नहीं थी और उसने अपने गुरु के पास जाकर शिक्षा प्राप्त करने का निर्णय किया।

उसने गुरु के सामर्थ्यपूर्ण सान्निध्य में अपनी सफलता की कहानी साझा की। उसने गुरु से कहा कि वह अब धन की सीमा को पार कर चुका है और अब वह गरीबों की सेवा करना चाहता है।

गुरु ने इसका समर्थन किया और व्यापारी को एक मंदिर बनाने का सुझाव दिया। मंदिर का निर्माण करते समय, उसने यह फैसला करना मुश्किल हो गया कि कहाँ मंदिर बनाया जाए - शहर में या गाँव में।

गुरु ने व्यापारी को समझाया कि वह दोनों जगहों पर मंदिर बनवा सकता है, और यह आईडिया व्यापारी को अच्छा लगा। उसने शहर और गाँव में दोनों ही स्थानों पर मंदिर बनवाए और दोनों में पुजारियों को बैठा दिया।

समय के साथ, व्यापारी ने देखा कि गाँव के मंदिर में बहुत अधिक लोग हैं। इसे देखकर उसे यह समझ में आया कि गाँववाले भी शहर के मंदिर में चले जा रहे थे, हालांकि व्यापारी ने दोनों ही मंदिरों को एक जैसा ही बनवाया था। तब उसे समझ में आया कि मंदिर बनाने वाला पुजारी का व्यवहार ही लोगों को आकर्षित कर रहा था।

उसने गुरु के पास जाकर सब कुछ बताया। गुरु ने बताया कि यह सब इसलिए हुआ है क्योंकि उस मंदिर के पुजारी ने सभी की बातें श्रद्धापूर्वक सुनीं और उनके दुखों को भी साझा किया। वह सभी के साथ सहानुभूति दिखाता था और उनकी सेवा करने में समर्थ था। उसका यह व्यवहार ही लोगों को खींच रहा था और सभी को एक साथ लाने में सफल हो गया।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हम अच्छे व्यवहार के साथ दूसरों की मदद करते हैं और सहानुभूति दिखाते हैं, तो हम लोगों को एक साथ ला सकते हैं और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।**

FAQ-अच्छी अच्छी कहानियां | achi achi kahaniya | achi kahaniya in hindi


हिंदी की सर्वश्रेष्ठ कहानी कौन है?

इस प्रश्न का उत्तर देने के लिए हमें ध्यान देना चाहिए कि "सर्वश्रेष्ठ" एक व्यक्तिगत रूप से आएगा। हर व्यक्ति की पसंद अलग होती है, लेकिन महाकवि प्रेमचंद की कहानियाँ, मुंशी प्रेमचंद की एक बेहद प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत की गई थीं।


"सर्वश्रेष्ठ" व्यक्तिगत पसंदों पर निर्भर करता है।
महाकवि प्रेमचंद की कहानियाँ प्रसिद्ध हैं।
मुंशी प्रेमचंद की रचनाएँ प्रभावशाली हैं।

सबसे अच्छी प्रेरक कहानी कौन सी है?

एक प्रेरक कहानी उसे जो आत्मविकासित करे और उसे सकारात्मक दिशा में मोड़े, उसे सजग और प्रेरित करने में सक्षम होती है। ऐसी कहानियाँ जो जीवन को सार्थक बनाने में मदद करे व्यक्ति को आत्मविश्वास में वृद्धि करने में सहारा कर सकती हैं।


प्रेरक कहानियाँ आत्मविकास में मदद कर सकती हैं।
जीवन को सार्थक बनाने में मदद करने वाली कहानियाँ सराहनीय होती हैं।
एक सकारात्मक दृष्टिकोण की दिशा में मोड़े जाने वाली कहानियाँ प्रेरणादायक हो सकती हैं।

सबसे प्रसिद्ध कहानी कौन सी है?

हिंदी साहित्य में कई प्रसिद्ध कहानियाँ हैं, लेकिन रबीन्द्रनाथ टैगोर की "कबुलीवाला" और प्रेमचंद की "ईदगाह" जैसी कहानियाँ बहुत लोगों की पसंदीदा हैं।


हिंदी साहित्य में कई प्रसिद्ध कहानियाँ हैं।
"कबुलीवाला" और "ईदगाह" रबीन्द्रनाथ टैगोर और प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानियाँ हैं।
प्रसिद्ध कहानियाँ अक्सर सामाजिक संदेशों के साथ आती हैं।

एक अच्छी कहानी कैसे लिखें?

एक अच्छी कहानी लिखने के लिए व्यक्ति को सार्थकता, प्लॉट डेवेलपमेंट, और चरित्र निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। उसे अपनी कहानी में रूचि और संवेदनशीलता डालने के लिए कहानी के मुख्य आदान-प्रदान को बनाए रखना चाहिए।

एक अच्छी कहानी लिखने के लिए सार्थकता, प्लॉट डेवेलपमेंट, और चरित्र निर्माण महत्वपूर्ण हैं।
रूचि और संवेदनशीलता कहानी को रोचक बना सकती हैं।
कहानी के मुख्य आदान-प्रदान को बनाए रखना लेखक की कला है।

क्या एक बुरी कहानी बनाता है?

एक बुरी कहानी जो अनैतिक या हिंसक हो, जिसमें उच्चतम नैतिक मूल्यों का उल्लंघन हो, यह सामाजिक अस्थिति को क्षति पहुंचा सकती है और पाठकों को नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। एक बुरी कहानी लिखने से पहले लेखक को उदार और नैतिक सोच को ध्यान में रखना चाहिए।

एक बुरी कहानी जो अनैतिक या हिंसक हो, सामाजिक अस्थिति को क्षति पहुंचा सकती है।
उच्चतम नैतिक मूल्यों का उल्लंघन करने वाली कहानियाँ नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
लेखक को उदार और नैतिक सोच को ध्यान में रखना चाहिए।

क्या मैं एक अच्छी कहानी लिख सकता हूं?

जी हां, कोई भी व्यक्ति एक अच्छी कहानी लिख सकता है, बस उसे सही रचना, भाषा, और रूचि से लिखने की आवश्यकता होती है। सही संवेदनशीलता और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण से, आप एक रोचक और प्रेरणादायक कहानी बना सकते हैं।

कोई भी व्यक्ति एक अच्छी कहानी लिख सकता है।
सही रचना, भाषा, और रूचि से लिखने की आवश्यकता होती है।
संवेदनशीलता और विवेकपूर्ण दृष्टिकोण से एक प्रेरणादायक कहानी बना सकते हैं।

आप एक छोटी कहानी का शीर्षक कैसे देते हैं?

एक छोटी कहानी का शीर्षक ऐसा होना चाहिए जो पाठकों का ध्यान खींचे और कहानी का मुख्य विषय बताए। शीर्षक को संक्षेप में और रोचक बनाए रखने के लिए कहानी के मूड और भावना के साथ मेल खाना चाहिए।

एक छोटी कहानी का शीर्षक पाठकों का ध्यान खींचे और मुख्य विषय को बताए।
शीर्षक को संक्षेप में और रोचक बनाए रखने के लिए मूड और भावना के साथ मेल खाना चाहिए।
कहानी का शीर्षक पढ़ने वाले को उत्साहित करना चाहिए।

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