बिलकुल! नीचे एक साधारण, दिलचस्प और मज़ेदार अंदाज़ में लिखा गया एक प्रेरणादायक हिंदी लेख है, जो बच्चों के लिए है। लेख में थोड़ा हास्य, सरल भाषा, और कुछ बोल्ड और इटैलिक शब्दों का प्रयोग किया गया है ताकि पढ़ने में मज़ा भी आए और सीख भी मिले।
एक आलसी कौवा और उसका चतुर दोस्त – एक प्रेरणादायक कहानी
बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में कब्बू नाम का एक कौवा रहता था। अब कब्बू के बारे में खास बात ये थी कि वो बहुत ज़्यादा आलसी था। इतना आलसी कि अगर कोई उसे कहता, "उड़ो भाई!" तो वो जवाब देता – "क्या मैं बस से जा सकता हूँ?" 😅
एक दिन गर्मी बहुत ज़्यादा थी। सूरज भी मानो तंदूर बन गया था। कब्बू उड़ते-उड़ते प्यासा हो गया। उसे पानी चाहिए था, लेकिन वो आसपास कहीं दिख नहीं रहा था। तभी उसकी नज़र एक टूटे हुए मटके पर पड़ी, जिसमें थोड़ा सा पानी था।
अब अगर आप सोच रहे हैं कि वो वही पुरानी "प्यासा कौवा" वाली कहानी है, तो थोड़ा इंतजार कीजिए! 😄
कब्बू मटके के पास गया, पानी नीचे था। अब वो ज़्यादा मेहनत नहीं करना चाहता था, तो बोला, "अरे यार! कोई मटका ऐप होता तो मैं पानी ऑनलाइन मंगवा लेता!" 🤦♂️
वो सोच ही रहा था कि तभी उसका दोस्त मीठू तोता वहाँ आया। मीठू ने कहा, "क्या बात है कब्बू? फिर से आलसीपंथी चालू है?"
कब्बू ने मुँह लटकाते हुए कहा, "पानी तो है, पर मेहनत करनी पड़ेगी!"
मीठू ने मुस्कराते हुए कहा, "चालाक बनो, टेंशन मत लो!" फिर उसने पास के कंकड़ उठाकर मटके में डालने शुरू किए। थोड़ी ही देर में पानी ऊपर आ गया। कब्बू ने खुशी से पानी पिया और बोला, "भाई तू तो असली जुगरू निकला!"
मीठू ने हँसते हुए कहा, "मेहनत से ही जीत होती है, और थोड़ा सा दिमाग लगाने से काम आसान हो जाता है।" कब्बू ने सिर हिलाया, और उस दिन से उसने मेहनत से भागना छोड़ दिया... कम से कम थोड़े दिन तक तो नहीं भागा! 😂
कहानी से सीख:
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मेहनत से डरना नहीं चाहिए।
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थोड़ा दिमाग और थोड़ा प्रयास बड़ा कमाल कर सकता है।
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और सबसे ज़रूरी – आलसी बनने से सपने पूरे नहीं होते, बस नींद पूरी हो जाती है! 😴
अगर तुम्हें ये कहानी पसंद आई, तो अगली बार जब भी आलस आए, बस कब्बू कौवे को याद कर लेना। 😄
क्या तुम भी कभी कब्बू जैसे आलसी बन जाते हो?