सेर ओर बंदर की कहानी moral stories in hindi
एक बार की बात है जंगल के शेर ओर बंदर के विवाद हो गया विवाद का विषय था बुद्धि शेर्थ है या बल शेर की नजर मे बल शेर्थ था और बंदर की नजर में बुद्धि बंदर बोला शेर महराज बुद्धि ही शेर्थ है बुद्धि से संसार का हर कार्य सफल है चाहे वो कितना ही कठिन क्यू न हो बुद्धि से ही हर कार्य का सामान सम्भव है मे बुद्धि मान हु में अपनी बुध्दि से किसीभी मुसीबत से आसानी से निकल सकता हु बंदर की बात सुनकर शेर भड़क गया और बोला कि चुप कर बंदर में बलवान हु ओर चाहू तो अभी तेरा प्राण ले सकता हु बंदर थोडी देर शांत रहा और बोला महाराज अभी तो में जा रहा हु लेकिन बुद्धि ही शेर्थ है
बंदर बोला में ऐक दिन बुध्धी से ऐक पल को हरा दूंगा में उस दिन के इंतजार करूँगा की जब तुम ऐसे करके दिखावो गे उस बात के कही दिन बीत गये बंदर ओर सेर का आमना सामना नही हो पाया ऐक दिन शेर शिकार करके अपनी गुफा की और लोट रहा था अचानक वो पतो से थके खड़े में गिर गया उसके पैर में चोट लग गई किसी तरह बहार निकला और देखा किसी शिकारी उसके सामने बंदूक लेके खडा था शेर घायल था और शिकारी का सामना करने में आ शमथ्र था तभी अचानक शिकारी पर पत्थर गिरने लगे तभी शिकारी हबरा गया वो उसके पहले कुछ समझ पाता तभी एक पत्थर उसके सिर पर पड़ा औरवो प्राण बचा कर वहां से भाग गया शेर चकित था कि शिकारी पर हमला किसने किया उसकी प्राणो की रक्षा किसने की इदर उदर देख रहा था और पेड़ पर बैठा बंदर ने उसको आवाज दी महराज आपके बल को क्या हुआ बलवान होते हुए भी आपकी जान पर खतरा बंदर को देख कर शेर ने पुसा तुम अहा कैसे बंदर बोला कही दिनों से मेरी नजर उस शिकारी पर थी मेने देखा वो आपकी शिकार करने की फिराक में है मेने थोड़ी बुद्धि लगाई ओर ठेर सारे पत्थर पेड़ पर एकथे कर लिए और में शिकारी को मार सकु शेर ने बंदर को धन्यवाद दिया और बोला बुद्धि हि श्रेठ है
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बुद्धि का प्रयोग करके बंदर ने शिकारी को भगा दिया अब दोनों दोस्त बन गये ओर जंगल मे साथ मे रहने लगे
सिख: बुद्धि का प्रयोग करके हर समस्या से लिपटा जाता है