लालची कुत्ते की कहानी-lalchi kutta story in hindi with moral
आओ बच्चों, आज मैं तुम्हें एक lalchi kutta story सुनाता हूँ। एक गांव में एक कुत्ता रहता था। वह दिन भर इधर-उधर भागता रहता था। एक दिन दौड़ते समय उन्हें अत्यधिक भूख लगी। लेकिन उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिला। वह इधर-उधर घूमता रहा। वह भूख से तड़प रहा था। टहलते हुए उसे एक कसाई की दुकान दिखी। वह दुकान के बाहर खड़ा होकर कुछ देर देखता रहा।
अचानक उसे बाहर मांस का एक टुकड़ा दिखा। वह वहां गया, टुकड़ा लिया और भाग गया। कुत्ता ऐसी जगह की तलाश करने लगा जहां वह शांति से उस टुकड़े को खा सके। इसलिए वह इधर-उधर भटकता रहा। उसने अचानक एक पुल देखा जहाँ वह मांस खा सकता था। वह मांस का टुकड़ा लेकर पुल के पास पहुंचने लगा। जैसे ही वह पुल पर पहुंचा, उसने नीचे पानी में अपना प्रतिबिम्ब देखा।
उसने प्रतिबिंब में एक और कुत्ते को देखा जिसके मुंह में मांस का टुकड़ा था। पर सच तो यह था कि वह अपना प्रतिबिम्ब देख रहा था। लेकिन उसने सोचा कि यह कोई और कुत्ता है जिसके पास मांस का टुकड़ा भी था।
अब यह कुत्ता लालची हो गया। उसने सोचा, "मेरे पास मेरा टुकड़ा है, लेकिन अगर मेरे पास वह टुकड़ा भी है, तो मेरे पास मांस के दो टुकड़े होंगे।"
"और खाने का मज़ा भी दुगना हो जायेगा।" यह सोचकर कुत्ता पहले थोड़ा गुर्राया और देखा कि कुत्ते ने पानी में भी ऐसा ही किया। वह क्रोधित हो गया और जोर से भौंकने लगा। उसके मुंह में मांस का टुकड़ा पानी में गिर गया।
कुत्ता समझ गया, "ओह! यह मेरा अपना प्रतिबिंब था, मैंने क्या किया है!" "मैंने अपने मुंह में मांस का टुकड़ा भी खो दिया।" "मैने क्या कि!" लेकिन अब पछतावे से कुछ नहीं होता। वह उदास चेहरे के साथ अपने गांव वापस चला गया। तो बच्चे! हमने इससे क्या सीखा? हमें कभी लालची नहीं होना चाहिए।
आपने देखा कि कुत्ते को क्या हुआ। लालच बहुत बुरी चीज है और हमें इससे सावधान रहना चाहिए। कभी भी लालची मत बनो और जो तुम्हारे पास है उसी में संतुष्ट रहो।