आसमान गिरा | Khargosh ki kahani | Aasman Gira story In Hindi
Khargosh ki kahani - एक जंगल में एक खरगोश बसा हुआ था। एक दिन, उसने एक पेड़ के नीचे आराम करते हुए एक अचानक सुना, उसे लगा कि आसमान गिर रहा है।
आसमान गिरा | Khargosh ki kahani | Aasman Gira story In Hindi
Aasman Gira Khargosh ki kahani
आसमान गिरा - खरगोश की कहानी
आसमान गिरा, ध्वनि के साथ भागते हुए, वह उस स्थान से भागने लगा, रास्ते में एक लोमड़ी ने खरगोश को दौड़ते हुए देखा। लोमड़ी ने खरगोश से पूछा - "तुम कहाँ जा रहे हो?"
खरगोश ने कहा - "बहुत जल्दी आसमान गिर रहा है, भागो!" और उसकी बात सुनकर, लोमड़ी भी भागने लगी, वे दोनों आसमान गिरा, आसमान गिरा कहते हुए भाग रहे थे।
उन्हें भागते हुए देखकर एक हाथी ने पूछा - "तुम दोनों कहाँ भाग रहे हो?"
खरगोश और लोमड़ी ने कहा - "आसमान गिर रहा है, हाथी तुम भी भागो!"
हाथी सबसे बड़ा था, और आसमान सबसे पहले उसके ऊपर ही गिर रहा था। इस विचार के साथ हाथी भी उनके साथ भागने लगा, और वे तीनों आसमान गिरा, आसमान गिरा कहते हुए भाग रहे थे।
जानवरों की आवाज सुनकर एक शेर आया, वह दहाड़ते हुए रोका और पूछा - "तुम सब क्यों भाग रहे हो?"
सब ने कहा - "आसमान गिरा है, महाराज, आप भी भाग जाओ!"
शेर ने कहा - "लेकिन कहाँ गिरा है आसमान, मुझे दिखाओ।"
अब खरगोश सबसे आगे बढ़ रहा था, उसके पीछे शेर और सभी जानवर बढ़ रहे थे, वे सभी आसमान कहाँ गिरा हैं देखने जा रहे थे।
खरगोश ने उन्हें एक पेड़ दिखाया और कहा - "शेर महाराज, मैं इस पेड़ के नीचे सोया हुआ था, तभी आसमान गिरा था।"
शेर ने वहाँ देखा और एक बड़ा सा नारियल गिरा हुआ था।
शेर ने वह नारियल उठाकर कहा - "इतना बड़ा आसमान यहाँ गिरा हुआ था।" यह देख कर खरगोश कुछ नहीं बोल सका, सभी जानवर उसकी तरफ हँसी करने लगे।
खरगोश, शेर और आसमान गिरा कहानी | Sky fall Rabbit Tigher story in hindi -
खरगोश और आसमान गिरा: एक पंचतंत्र कहानी
प्रस्तावना
एक खरगोश जंगल में रहता था जो हमेशा डरपोक रहता था। उसे यह डर था कि कहीं आसमान गिर ना जाए और इसलिए वह कभी ठीक से सो नहीं पाता था।
खरगोश का संघर्ष
एक दिन खरगोश एक आम के पेड़ के नीचे सो रहा था, तभी एक आम उसके पास गिरा। खरगोश ने डर के कारण उठकर देखा और लगा कि आसमान गिर रहा है। उसने चिल्लाकर भागना शुरू किया और सभी जानवरों को भी अपने साथ भागने के लिए कहा।
जंगल की हलचल
हिरण, भेड़िया, लोमड़ी, सियार, सुअर, और अन्य जानवर भी डर के कारण भागने लगे। उन्हें शेर की गुफा में पहुंचकर शेर ने सभी से घड़ा करके पूछा कि क्या हुआ।
सत्य का पत्ता लगता है
शेर ने खरगोश से सीधे पूछा कि क्या वहन आसमान गिरते हुए देखा है। खरगोश ने माना कि उसने नहीं देखा था और सब झूठ बोल रहे हैं। शेर ने सिखाया कि कभी भी सुनी सुनाई बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपनी आँखों से देखना चाहिए और किसी की बातों पर बिना सत्य की पुष्टि किए विश्वास नहीं करना चाहिए। यह हमें बताता है कि सत्य का पत्ता लगाने के लिए हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
समाप्ति
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें अपनी आँखों से देखना चाहिए और किसी की बातों पर बिना सत्य की पुष्टि किए विश्वास नहीं करना चाहिए। यह हमें बताता है कि सत्य का पत्ता लगाने के लिए हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।