Bandar Aur Magarmachh Ki Kahani In Written: Panchtantra Ki Kahani

(Panchtantra Ki Kahani: Bandar Aur Magarmachh) Bandar Aur Magarmachh Ki Kahani In Written. एक समय की बात है, जब सोशल मीडिया नहीं था, तब लोग असली दोस्ती किया करते थे। जी हाँ, एक ऐसी ही दोस्ती की कहानी है बन्दर और मगरमच्छ की।

पंचतंत्र की कहानी: बन्दर और मगरमच्छ (Panchtantra Ki Kahani: Bandar Aur Magarmachh Ki Kahani In Written)

 Bandar-Aur-Magarmachh-Ki-Kahani-In-Written

जामुन का पेड़ और अकेलापन

नदी के किनारे एक घना जामुन का पेड़ था। उसी पेड़ पर अकेला बैठा एक बन्दर रहता था। उसका काम था दिनभर जामुन खाना, उछलना‑कूदना, और हवा में टांगें लटकाकर गाना गाना।

एक दिन, एक भूखा मगरमच्छ नदी से बाहर आया और पेड़ के नीचे सुस्ताने लगा। बन्दर ने ऊपर से झांककर पूछा,
"क्यों भाई, बड़ी उदास लग रही है शक्ल? भूख लगी है क्या?"

मगरमच्छ ने लंबी सांस ली और कहा,
"क्या बताऊँ मित्र, खाना नहीं मिला दो दिन से। दिल कर रहा है कि किसी रेस्त्रां में चला जाऊँ, लेकिन पेटीएम नहीं चलता यहां।"

बन्दर हँस पड़ा और बोला,
"चलो, खाना नहीं तो मेरे जामुन ही सही। ये लो, टेस्ट करो बिल्कुल स्वीट, बिना GST के!"

मगरमच्छ ने खाए और उसकी आँखों में खुशी के आँसू आ गए।
"भाई, तू तो सच में फ्रूट वाला फरिश्ता है!"

Bandar Aur Magarmachh Ki Kahani In Written

दोस्ती बनी और दावतें चलीं

इसके बाद क्या था — दोस्ती हो गई। हर दिन, बन्दर मगरमच्छ को जामुन खिलाता और थोड़ी गपशप होती। मगरमच्छ अपनी बीवी को भी जामुन ले जाने लगा।

अब बीवी तो बीवी ठहरी। जामुन खाकर बोली,
"इतने मीठे फल खाता है वो बन्दर? तो उसके दिल का स्वाद क्या होगा! मुझे तो उसका दिल चाहिए!"

अब मगरमच्छ के पसीने छूट गए, लेकिन बीवी की बात टालना मतलब... अगले दिन खुद जामुन की सब्जी बन जाना।

Panchtantra Ki Kahani

मगरमच्छ की चालाकी और बन्दर की समझदारी

बीवी के दबाव में आकर मगरमच्छ ने बन्दर से कहा,
"भाई, मेरी बीवी तुझसे मिलना चाहती है। चल, मेरी पीठ पर बैठ जा, मैं तुझे उसके पास ले चलता हूँ।"

बन्दर थोड़ा हिचका, फिर सोचा, "चलो, फैमिली मीटिंग हो जाए।"
वो मगरमच्छ की पीठ पर चढ़ गया।

बीच नदी में पहुँचते ही मगरमच्छ बोला,
"असल बात ये है भाई, मेरी बीवी तेरा दिल खाना चाहती है। सॉरी यार, कुछ कर नहीं सकता।" 😅

बन्दर एक पल को चुप रहा, फिर बोला,
"अरे यार! तुमने पहले क्यों नहीं बताया? मैंने तो अपना दिल पेड़ पर ही छोड़ दिया था किसी ने कहा था दिल घर पर रखना सेफ रहता है!"

मगरमच्छ तो ठहरा भोला — वापस चल पड़ा। जैसे ही किनारा आया, बन्दर झट से पेड़ पर चढ़ गया और बोला,
"बेवकूफ! दिल के बिना कोई जिंदा रह सकता है क्या? अब जा, अपनी बीवी को समझा, और मेरी शक्ल मत दिखाना!"

Bandar Aur Magarmachh Ki Kahani

सीख क्या है इस मजेदार कहानी की?

  • धैर्य और होशियारी: जब मुसीबत आए तो घबराओ नहीं। जैसे बन्दर ने किया — दिमाग चलाओ!
  • अंधी दोस्ती ना करो: सब पे भरोसा मत करो, भले वो आपको रोज जामुन ही क्यों न दे रहा हो।
  • बीवियों की बातें सुनते समय सोच लो! 😜

 Bandar Aur Magarmachh Ki Kahani In Written

थोड़ा हँसी, थोड़ा ज्ञान

कभी‑कभी ज़िन्दगी आपको मगरमच्छ जैसी सवारी देती है लगता है मज़ा आएगा, पर बीच में ही पता चलता है कि गेम तो कुछ और ही है!

इसलिए जैसे बन्दर, खुद पर भरोसा रखो, दिमाग को ऑन रखो और फालतू बातों में दिल मत खो बैठो।

Panchtantra Ki Kahani Bandar Aur Magarmachh

अगर आपको ये कहानी पसंद आई हो...

तो comment करके बताइए — आप बन्दर जैसे हो या मगरमच्छ जैसे दोस्त कभी मिले हैं? और हाँ, शेयर ज़रूर करना, ताकि और लोगों को भी याद आ जाए कि दिमाग हमेशा साथ रखना चाहिए... दिल बाद में आएगा!

#बन्दर_और_मगरमच्छ #Panchtantra #HindiStories #MoralTales #FunnyFolktales

Next Post Previous Post
No Comment
Add Comment
comment url